*हनुमान चालीसा आरती में जन्मे हनुमान। हजारों की संख्या में पहुंचे हनुमान भक्त।*

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चमोली/ कोठियालसैंण

*हनुमान चालीसा आरती में जन्मे हनुमान। हजारों की संख्या में पहुंचे हनुमान भक्त।*

  • *आदर्श रामलीला कमेटी कोठियालसैंण मे रामलीला मंचन की है आजकल धूम।भगवान राम को मिले केसरी नंदन हनुमान।*

यूं तो आजकल जगह जगह रामलीला का आयोजन एवं मंचन हो रहे हैं लेकिन हम अगर रामलीला मंचन की बात करें तो इनमें जिला मुख्यालय के नजदीक के कोठियालसैंण की रामलीला का इतिहास और यहां के रामलीला मंचन की अनुठी ही मिशाल कायम है।

कोठियालसैंण की रामलीला का सालों से भी ज्यादा का इतिहास मिलता है जिसके बारे में यहां के बुजुर्ग लोगों के मुंहजबानी सुना जा सकता है।

आजकल भी कोठियालसैंण में रामलीला का मंचन किया जा रहा है। जिससे दर्शकों का हर रात हुजूम उमड़ रहा है।

 

आदर्श राम लीला कमेटी कोठियालसैंण के आदर्श रामलीला मैदान में सप्तम दिवस की रामलीला मंचन के अवसर पर मुख्यातिथियों द्वारा रामलीला मंचन का शुभारंभ दीप प्रज्वलित कर किया गया। मुख्य अतिथि सूर्य प्रकाश कुवर ( व्यापार संघ अध्यक्ष चमोली) ने दीप प्रज्वलित कर रामलीला का सुभारम्भ किया।

सप्तम दिवस की लील की रात में सबसे पहले हनुमान जी का जन्म हुआ ओर उसके बाद कोरस के पात्रों का अभियान हुए। फिर उसके बाद प्रभु राम स्कंदा पर्वत पर पहुंचे। वहां हनुमान से मिलना हुआ।

बाली ओर सुग्रीव ने अपनी अपनी शक्तियों दिखाकर राम भक्तों को मोह लिया।फिर हनुमान को जब भगवान राम से परिचय हुआ तो एक अलोकिक दृश्य देखने को मिल कि हनुमान जी नृत्य करते नजर आए। बाली ओर सुग्रीव की लडाई में राम चन्द्र ने अंगद को राज्य तिलक किया। उसके बाद माता सीता की खोज में निकल पड़े।

आदर्श रामलीला कमेटी के अध्यक्ष धीरेंद्र सिंह गड़ोरिया ने राम भक्तों ओर दानी दाताओं का भी आभार प्रकट किया।

 

इस लीला के मंचन में आदर्श रामलीला कमेटी के सभी पदाधिकारियों ओर कार्यकर्ता मौजूद रहे।


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