देहरादून
आज सचिवालय में मुख्यमंत्री कार्यालय के कार्मिकों की बैठक।
कार्मिकों को पत्रावलियों के त्वरित निस्तारण तथा अनावश्यक आपत्तियां ना लगाने की कड़ी हिदायत दी है। एसीएस ने कहा कि राज्य में ई-ऑफिस व्यवस्था को सरकारी कामों के सरलीकरण व जन-समस्याओं के प्रभावी समाधान के लिए ही लागू किया गया है।
अधिकारी-कार्मिक जनसामान्य की शिकायतों के निस्तारण के लिए नियमों के तहत सरल रास्ता निकालने का प्रयास करें न कि अनावश्यक आपत्तियां लगाएं।
मुख्यमंत्री विवेकाधीन कोष से जरूरतमंदों को दी जानी वाली आर्थिक सहायता डीबीटी की तरह सीधे एवं जल्द से जल्द लाभार्थियों को मिले, इसके लिए आवेदन का एक स्टैंडर्ड फॉरमेट जल्द तैयार किया जाना चाहिए।
एसीएस ने कहा कि मुख्यमंत्री कार्यालय पूरे प्रदेश में सबसे महत्वपूर्ण और सभी कार्यालयों के लिए पथप्रर्दशक है।
मुख्यमंत्री जी के विजन के अनुरूप कार्मिक ऑनरशिप की भावना से कार्य करें। मुख्यमंत्री कार्यालय के अधिकारी व कार्मिकों की कार्यशैली पर प्रश्नचिह्न नहीं लगना चाहिए। एसीएस ने सीएम कार्यालय के सभी अधिकारियों व कार्मिकों को उनके नाम से किए जा सकने वाले साइबर फ्रॉड से भी सर्तक रहने तथा किसी भी प्रकार के साइबर फ्रोर्ड की शिकायत एसएसपी (एसटीएफ) को करने की सलाह दी है।
मुख्यमंत्री कार्यालय में रिकॉर्ड कीपिंग की बेहतर व्यवस्था करने, पत्रावलियों के कुशल रख-रखाव करने, वीडिंग के माध्यम से पुराने अनावश्यक सामान को हटाने, कार्यालयों में स्वच्छता रखने, आधुनिकतम कम्पयूटर हार्डवेयर व अन्य सामानों की व्यवस्था के भी निर्देश दिए।
बैठक में सचिव एस. एन. श्री पाण्डेय, अपर सचिव जगदीश काण्डपाल, ललित मोहन रयाल, मुकेश थपलियाल , मुख्यमंत्री कार्यालय के सभी छः अनुभागों के अनुभाग अधिकारी, समस्त समीक्षा अधिकारी, समस्त सहायक समीक्षा अधिकारी व अन्य कार्मिक मौजूद रहे।