चमोली / गोपेश्वर/ मंडल
माता के इस दरबार में आकर कोई खाली हाथ नहीं लौटता ।
* मां अनसूया के दर्शन के लिये पहुंचने लगे हैं श्रद्धालु।
** संतान की कामना के मां अनसूया के दरबार में की जाती है गुहार ।
*** श्रद्धालु ही नहीं देवियों भी पहुंचतीं हैं इस मंदिर में ।
** मान्यता है कि इस दरबार में आकर कोई खाली हाथ नहीं लौटता ।
*** निसंतान के घर आंगन गूंजती है संतान की किलकारी
मां अनसूया का दरबार में आज जुटेंगे हजारों भक्त
भगवान दतात्रेय प्रकाट्य दिवस दतात्रेय जयंती पर उत्तराखंड का प्रसिद्ध ” अनसूया मेला ” आज शुक्रवार से आरम्भ होगा । दो दिनों तक चलने वाले इस मेला पर्व पर न सिर्फ हजारों की संख्या में श्रद्धालु माता के दरबार में जुटते हैं । बल्कि विभिन्न गांवों से देवियों की डोलियां भी पहुंचतीं हैं। और सती सिरोमणि माता अनसूया के दर्शन करतीं हैं।
***मान्यता***
मान्यता है कि निसंतान दम्पति यदि सती माता अनसूया के दरबार में इस पर्व पर आकर माता अनसूया की पूजा अर्चना करता है । रात्रि जागरण करता है । तो उस दम्पति को अवश्य संतान की प्राप्ति होती है । अनसूया मंदिर के पुजारी डाक्टर प्रदीप सेमवाल बताते हैं। माता अनसूया के प्रति श्रद्धा . और विस्वास सदैव फलीभूत होता है । मां अनसूया निसंतान दम्पति को संतान का वरदान देती़ हैं । और वह फलीभूत होता है ।
***यह भी जानें ! **
हर वर्ष दत्तात्रेय जयंती पर मां अनसूया के मंदिर दरबार में पूजा अनुष्ठान होता है । इस बार भी 17 व 18 दिसम्बर को माता अनसूया मेला पर्व होगा । मंदिर माता के दर्शन के लिये न सिर्फ श्रद्धालु बल्कि देवियों की डोलिया भी पहुंचती हैं।
** कैसे पहु़ंचे !
अनसूया मंदिर चमोली जिले के मंडल , गोपेश्वर से पहुंचा जा सकता है । मंडल तक वाहन से पहुंच सकते हैं। वहां से 4 किमी पैदल मंदिर तक पहुंचा जा सकता है । पैदल मार्ग सुगम है । हरे भरे जंगल और सुन्दर नदी गदेरों के किनारे से गुजरते हुये मंदिर में पहु़ंचते हैं। निसंतान दम्पति इस पर्व पर माता के मंदिर के सभा मंडप में बैठ कर रात्रि भर जागरण करते हैं। पुजारी डाक्टर प्रदीप सेमवाल बताते हैं । दम्पति सच्ची श्रद्धा और विस्वास से अपनी झोली मां के आगे फैलाते हैं। तो उनकी संतान कामना अवश्य पूरी होती है ।