*वरिष्ठ पत्रकार जोध सिंह रावत पंचतत्व में हुए विलीन। कर्णप्रयाग में पैतृक घाट पर अलकनंदा नदी के तट पर किया गया अंतिम संस्कार,*

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वरिष्ठ पत्रकार जोध सिंह रावत पंचतत्व में हुए विलीन।

कर्णप्रयाग में पैतृक घाट पर अलकनंदा नदी के तट पर किया गया अंतिम संस्कार, सैकड़ों की संख्या में मौजूद लोगों ने दी नम आंखों से विदाई।

गैरसैंण / चमोली

वरिष्ठ पत्रकार जोध सिंह रावत का शुक्रवार को कर्णप्रयाग में अलकनंदा नदी के तट पर अंतिम संस्कार कर दिया गया। उनके बड़े पुत्र अभिषेक रावत व छोटे पुत्र शैलेन्द्र रावत ने उन्हें मुखाग्नि दी। इस दौरान सैकड़ों की संख्या में मौजूद क्षेत्रवासियों ने उन्हें नम आंखों से अंतिम विदाई दी। वरिष्ठ पत्रकार जोध सिंह रावत के आकस्मिक निधन पर पत्रकार संगठनों,विभिन्न सामाजिक संगठनों व जनप्रतिनिधियों ने गहरा दुख व्यक्त किया है।

26 जनवरी 1958 को चमोली जिले के देवलकोट गांव में पिता उमराव सिंह व माता बुद्धि देवी के घर जन्मे जोध सिंह रावत ने BMS की शिक्षा लखनऊ से ग्रहण की। 70 के दसक में गैरसैंण को अपनी कर्मभूमि के रूप में चुना व 80 के दशक में गैरसैंण में पहले विद्यालय (बाल सदन) की स्थापना कर शिक्षा के क्षेत्र में कदम बढ़ाते हुए गैरसैंण को शिक्षा के क्षेत्र में एक अलग पहचान दिलाई व शिक्षा को नए मुकाम तक पहुचाने में अहम भूमिका निभाई। इस दौरान उनके जीवन में कई मुश्किलें व उतार चढ़ाव आये किन्तु उन्होंने कभी हार नही मानी व हर परिस्थिति का डट कर मुकाबला किया,हर मुश्किल घड़ी में उनकी जीवन संगिनी गंगोत्री रावत ने उनका बखूबी सांथ निभाया। इस दौरान जोध सिंह रावत प्रिंट मीडिया से जुड़े व अपनी लेखनी के माध्यम से 30 वर्षों तक जनसरोकारों से जुड़े मुद्दों को उठाते रहे। वहीं पृथक राज्य आंदोलन के दौरान अपनी लेखनी के माध्यम से उन्होंने लोगों को जगाने का काम किया साथ ही उत्तराखंड राज्य आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

कुछ माह पूर्व अपने आवास पर एका-एक उनके सीने में दर्द उठा जिसके बाद उन्हें सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र गैरसैंण में भर्ती करवाया गया। जहां से उन्हें प्राथमिक उपचार के बाद हायर सेंटर रेफर कर दिया गया।

बुधवार 1 नवम्बर को देर रात उपचार के दौरान उन्होंने अंतिम सांस ली। परिवार के इकलौते पुत्र जोध सिंह रावत अपने पीछे पत्नी गंगोत्री रावत, 107 वर्षीय माता बुद्धि देवी,पुत्र अभिषेक,शैलेन्द्र,बहू मीना,पूजा,नाती पारस व विवाहित पुत्री हंसा सहित भरा पूरा परिवार छोड़ गए हैं।

शुक्रवार को अंतिम यात्रा में पूर्व राज्यमंत्री सुरेश कुमार बिष्ट,प्रेम संगेला,पुष्कर रावत कोलखी,नगर पंचायत अध्यक्ष गैरसैंण पुष्कर सिंह रावत, गिरीश डिमरी,महेश जुयाल,अवतार नेगी,हरिकृष्ण भट्ट,मुकेश नेगी,बख्तावर सिंह पंवार,बीएस बुटोला,अमर राणा,चन्द्र बुटोला,सुरेन्द्र रावत,जितेंद्र पंवार,कालिका प्रसाद सिरस्वाल,गोपी डिमरी,हरपाल नेगी,ललिता प्रसाद लखेड़ा,लक्ष्मी प्रसाद कुमेडी सहित गैरसैंण,कर्णप्रयाग व चमोली के प्रेस प्रतिनिधि सहित क्षेत्रीय जनप्रतिनिधि व सैकड़ों की संख्या में गैरसैंण,मेहलचोरी,कर्णप्रयाग,चमोली,गौचर,आदिबद्री के क्षेत्रवासी शामिल रहे व नम आंखों से जोध सिंह रावत को अंतिम विदाई दी।


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