चमोली : गोपेश्वर नगर में सीवर लाइन स्थानीय लोगों के लिये सुविधा के बजाय आफत बन रही है। यहां नगर के मुख्य चौराहे के समीप बीते चार दिनों से क्षतिग्रस्त सीवर लाइन का सुधारीकरण न होने से स्थानीय व्यापारी और राहगीर परेशान हैं। लेकिन विभागीय अधिकारियों की लापरवाही का आलम यह है कि यहां अभी तक लाइन का सुधारीकरण नहीं हो सका है। जिसके चलते जहां राहगीरों को सीवर के पानी से होकर आवाजाही करनी पड़ रही है।
वहीं व्यापारियों को बदबू के बीच काम करना पड़ रहा है।
गोपेश्वर में जल-मल की निकासी के लिये नमामि गंगे योजना के तहत उत्तराखंड पेयजल निर्माण एवं अनुरक्षण इकाई (गंगा) की ओर से नई सीवर लाइन का निर्माण किया गया है। लेकिन संस्थान और इकाई के अधिकारियों में समंवय की कमी से अभी तक गोपेश्वर में योजना का सुचारु संचालन शुरु नहीं हो सका है। लेकिन इन दिनों लाइन टेस्टिंग के नाम पर नई लाइन पर संयोजित कनेक्शनों लाइन में पहुंच रहा सीवर इन दिनों बस स्टैण्ड के समीप बीते चार दिनों से सड़क पर बह रहा है।
विभागीय अधिकारियों की कार्य प्रणाली का आलम यह है कि अभी तक लाइन का सुधारीकरण कार्य शुरु नहीं जा सका है। ऐसे में यहां आस-पास बदबू फैलने से व्यापारियों के साथ आवाजाही कर रहे लोगों को भी खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। स्थानीय व्यापारी सुशील कुंवर, गोपाल रावत, रघुवीर बिष्ट और जयवीर नेगी ने जल संस्थान के अधिकारियों से शीघ्र सीवर लाइन सुधारीकरण की मांग उठाई है। इधर, उत्तराखंड पेयजल निर्माण एवं अनुरक्षण इकाई (गंगा) के सहायक अभियंता संदीप कुमार का कहना है कि बाजार में सीवर के रिसाव की सूचना मिलने के बाद समस्या के निस्तारण के लिये कार्रवाई शुरु कर दी गई है। जल्द ही समस्या का निराकरण कर लिया जाएगा।