खाम बुग्याल को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की मांग।
पर्यटन विकास एसोसिएशन ने मुख्यमंत्री को भेजा ज्ञापन
रुद्रप्रयाग
पर्यटन विकास एसोसिएशन ग्राम चैमासी ने खाम बुग्याल को साहसिक पर्यटन स्थल एवं धार्मिक स्थल के रूप में विकसित करने को लेकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को ज्ञापन भेजा है। उन्होंने कहा कि क्षेत्र में रोजगार की अपार संभावनाएं होने के बावजूद भी शासन-प्रशासन इस ओर मुंह फेरे हुए है।
दरअसल, सिद्धपीठ कालीमठ घाटी का सीमांत गांव चैमासी केदारनाथ धाम के पैदल मार्ग के बीच रास्ते में पड़ता है। चैमासी से केदारनाथ धाम की दूरी मात्र 18 किमी है और चैमासी से 10 किमी की दूरी पर रमणीक खाम बुग्याल पड़ता है। खाम बुग्याल के चारों ओर बर्फ से ढकी चोटियां, ग्लेशियर, वनस्पतियंा एवं दुर्लभ प्रजाति के जीव जंतुओं से आच्छादित है। इसके साथ ही बुग्याल के समीप आदिशक्ति की तपस्थली मनणा माई का मंदिर है, जिसका वर्णन स्कंद पुराण के केदारखण्ड के 90वें अध्याय में मिलता है। इसके बावजूद भी यह बुग्याल सरकार और शासन-प्रशासन की उदासीनता का दंश झेल रहा है।
पर्यटन विकास एसोसिएशन ग्राम चैमासी के अध्यक्ष सते सिंह तिंदोरी, जिला पंचायत सदस्य विनोद सिंह राणा, क्षेत्र पंचायत सदस्य सोमेश्वरी भट्ट, ग्राम प्रधान आशा देवी ने कहा कि मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजकर खाम बुग्याल को साहसिक पर्यटन स्थल के साथ ही धामिक पर्यटन के रूप में विकसित करने की मांग की गई है। इससे जहां तीर्थ स्थलों के साथ ही पर्यटन स्थलों का विकास हो सकेगा। साथ ही क्षेत्र के युवाओं को रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे। उन्होंने कहा कि केदारघाटी एवं कालीमठ घाटी में पर्यटन और तीर्थाटन की अपार संभावनाएं हैं, जिनका विकास किया जाना आवश्यक है।