आदिकेदारेश्वर महादेब मंदिर के कपाट विधि-विधान और मंत्रोच्चारण के साथ आज दोपहर में शीतकाल के लिये बंद कर दिए जायेंगे।

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बदरीनाथ धाम/ चमोली

भू बैकुंठ नगरी श्री बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने से पूर्व पंच पूजा के अंतर्गत आज दूसरे दिन बुधवार को बदरीनाथ मंदिर के ठीक नीचे अलकनंदा नदी और तप्त कुंड के समीप धूनी रमायें भगवान आदि केदारेश्वर महादेब मंदिर के कपाट विधि-विधान और मंत्रोच्चारण के साथ आज दोपहर में शीतकाल के लिये बंद कर दिए जायेंगे। गौरतलब है कि इस वर्ष बदरीनाथ धाम के कपाट 20 नवबंर को बंद होने हैं।

इससे पूर्व बदरीनाथ धाम में पंच पूजाएं होती है। आज बुधवार को भगवान बदरी विशाल मंदिर में भोग लगने के बाद अपराह्न 12 बजकर 15 मिनट पर आदि केदारेश्वर और आदि गुरू शंकराचार्य मंदिर के कपाट बंद होने की प्रक्रिया शुरू होगी। तो धर्माचार्यों द्वारा भगवान शिव का स्तुति गान किया जायेगा। बदरीनाथ धाम के रावल ईश्वरी प्रसाद नम्बूदरी ने आदि केदारेश्वर मंदिर के कपाट बंद होने के लिए अभिषेक पूजा अर्चना करेंगे ।

जानकारी देते हुए बदरीनाथ धाम के अपर धर्माधिकारी आचार्य सत्यप्रकाश चमोला नें बताया कि आदिकेदारेश्वर को मुख्य रावल ईश्वरी प्रसाद नम्बूदरी जी दोपहर में अन्नकूट अर्थात पके हुए चावलों का भोग भगवान शिव को अर्पित करेंगे। आरती एवं दीप प्रज्वलन के बाद मुख्य पुजारी अपराह्न दो बजे आदि केदारेश्वर मंदिर और आदि गुरू शंकराचार्य के मंदिर के कपाट शीतकाल के लिए बंद कर देंगे।

 

शीतकाल में देवता भगवान बदरीविशाल और आदिकेदारेश्वर भगवान की पूजा अर्चना करेंगे।


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