*106 वर्षों से अनवरत रूप से जारी बदरीनाथ मंदिर के पुजारियों के गांव डिम्मर में रामलीला मंचन देखने हेतु जुट रहे हैं श्रद्धालु।*

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गौचर / चमोली।

ललिता प्रसाद लखेड़ा

106 वर्षों से अनवरत रूप से जारी बदरीनाथ मंदिर के पुजारियों के गांव डिम्मर में रामलीला मंचन देखने हेतु जुट रहे हैं श्रद्धालु।


बदरीनाथ मंदिर के पुजारियों के गांव डिम्मर मेंं 106 वर्षों से अनवरत रुप से होने वाली रामलीला मंचन को देखने के लिऐ श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ रही है।

रामलीला मंचन के पांचवें दिन श्री राम-भरत का मिलन और छटवें दिन सीता हरण का मंचन किया गया। श्री राम और मरत के मिलन मे राम, लक्ष्मण, भरत और शत्रुघ्न के कलाकारों के अभिनय ने दर्शकों को भाव-विह्वल कर दिया। जबकि सीता हरण के मंचन मे रावण, सीता, शबरी आदि पात्रों के अभिनय ने भक्तों को मंत्रमुग्ध कर दिया।


इस दौरान डिम्मर गांव के हैदराबाद मेंं निवासरत पदम श्री पुरुष्कार से सम्मानित वैज्ञानिक विजय प्रसाद डिमरी, संस्कृति के क्षेत्र में बिस्मिलाह खां, युवा पुरुष्कार से चयनित पुनीत डिमरी और अमित खंडूड़ी तथा श्री राम कथा के मर्मज्ञ प्रभुकांत डिमरी को श्री रामलीला मंडली की ओर से सम्मानित किया गया।

 

विज्ञान के क्षेत्र मे पदम श्री पुरुष्कार से सम्मानित 85 वर्षीय विजय प्रसाद डिमरी ने कहा कि डिम्मर गांव से ही पले बढ़े और जीआईसी कर्णप्रयाग से प्राथमिक शिक्षा ग्रहण कर प्रभु श्री राम की कृपा से ही वे आज इस मुकाम पर पहुंचे हैं। कहा कि ईष्ट पूजा के रुप मे 106 वर्षों से अनवरत रुप से संचालित डिम्मर गांव की रामलीला मंचन को देखने का शौभाग्य उन्हैं विगत 60 वर्षों के बाद मिला है। और रामलीला कमेटी की ओर से मुझे दिए गये सम्मान की तुलना पदमश्री पुरुष्कार से ज्यादा महत्वपूर्ण है।


इस मौके पर कमेटी के अध्यक्ष अशोक डिमरी, उपाध्यक्ष हेमचंद्र डिमरी, महामंत्री नरेश खंडूड़ी, कोषाध्यक्ष प्रकाश चंद्र डिमरी, हरीश डिमरी गोपी डिमरी हरीश डिमरी, प्रणवेन्द्र प्रसाद संजय डिमरी शैलेन्द्र प्रसाद आशुतोष डिमरी, सुरेश डिमरी आदि मौजूद थे।


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