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चमोली
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उर्गम घाटी में बसती है छोटी काशी उर्गम घाटी( जोशीमठ) विश्व प्रसिद्ध पंच बद्री एवं पंच केदार की घाटी श्री कल्पेश्वर धाम में तीर्थाटन एम पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं इस घाटी में एक छोटी काशी के नाम से एक गांव बसता है बड़गिडा यह गांव समुद्र तल से ऊंचाई पर विश्व 2020 मीटर ऊंचाई की ऊंचाई पर स्थित है उत्तराखंड राज्य की जोशीमठ तहसील के अंतर्गत उगम घाटी में स्थित है । यहां विश्वनाथ जी का प्राचीन मंदिर है इस मंदिर में भगवान शिव ज्योतिर्लिंग गणेश एवं अन्य लिंग एवं प्रतिमाएं हैं यह स्थान बडगिडा़ गांव के भटण खोला जिसे वर्तमान में भरतपुर कहते हैं यहां स्थित है मंदिर की बनावट ऊंचा ताप वाला ग्रेनाइट शैली में बना हुआ अत्यधिक सुंदर आकर्षक लगता है इतिहासकारों का मानना है।
इस मंदिर की रचना छठवीं से लेकर 9 ईसवी के मध्य निर्मित हुआ है कत्यूरी शैली में निर्मित माना जाता है स्थानीय जानकारों की माने तो इस मंदिर के बारे में पंडित भगवती प्रसाद सेमवाल कहते हैं कि हमने इस मंदिर को इसी तरह देखा हमारे पूर्वज कहते हैं कि पहले लोग जब काशी वाराणसी नहीं जा पाते थे तो यहां शिव के दर्शन करते थे यह छोटा काशी है। उरगम मेला कमेटी के सक्रिय सदस्य अवतार सिंह पंवार बताते हैं इस मंदिर से उतना ही फल मिलता है जितना काशी विश्वनाथ का आशीर्वाद प्राप्त होता है मैंने तो कहीं वर्षों से इस मंदिर में जलाभिषेक का काम किया है। इसका फल मिलता है इस मंदिर की शिल्प कला को देखकर लगता है कि किसी उच्च कोटि के राजमिस्त्री के द्वारा मंदिर का निर्माण किया है इस तरह का निर्माण वंशी नारायण के मंदिर में भी मिलती है यहां विशेषकर जन्माष्टमी रक्षाबंधन शिवरात्रि के पर्व पर इस मंदिर में बच्चों के द्वारा भी भजन कीर्तन किया जाता है। यहां दर्शन करने के लिए ऋषिकेश हरिद्वार से सीधा बस कार मोटरसाइकिल से यहां यात्रा की जा सकती है।
ऋषिकेश बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग के अति निकट हेंलंग तक 229 किलोमीटर मोटर रूट इसके अलावा श्री कल्पेश्वर के लिए 14 किलोमीटर जीप कार से यहां पहुंचा जा सकता है गांव में रुकने के लिए होम स्टे की व्यवस्था है यहां आकर के अन्य स्थानों के भी दीदार हो सकते हैं जिसमें श्री कल्पेश्वर ध्यान बद्री श्री घंटाकरण विश्वकर्मा मंदिर नंदा देवी मंदिर उर्वा ऋषि आश्रम श्री फ्यूँला नारायण गौरा मंदिर धर्मशीला आदि स्थानों की यात्रा की जा सकती यहां यात्रा वर्ष भर हो सकती है।