*बिन बारिश सब सून,अब देवी देवताओं की शरण में गए लोग।*

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*बिन बारिश सब सून,अब देवी देवताओं की शरण में गए लोग।*

चमोली

इस दिनों बारिश का अकाल सा पसरा हुआ है, चारों ओर जंगलों में आग लगी हुई है जिस कारण हर तरफ धुआं ही धुआं नजर आ रहे हैं जिस कारण पर्वर्तीय काश्तकार खेतों में अपनी फसलों को सूखते देखकर मायूस हैं।सूखे की मार झेल रहे पहाड़ी किसान अब मानसून का भरोसा छोड़ देवी देवताओं की शरण में चले गए हैं।

जनपद के विश्व प्रसिद्ध लाटू देवता के धाम वाण गांव में पिछले 27 जनवरी से क्षेत्र के ग्रामीण विशेष रीति-रिवाज और धार्मिक मान्यताओं के साथ बारिश के लिए लाटू देवता की पूजा अर्चना में कठिन साधना कर रहे हैं। उत्तराखंड को देवभूमि के नाम से जाना जाता है जहां कहा जाता है कि कण कण और ज़र्रे ज़र्रे में देवी देवताओं का साक्षात्कार होता है।

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार देवभूमि में जब जब बारिश नहीं होती है और लोगों की फसलें सूखने के कगार पर होती है तो यहां के लोग विभिन्न देवी देवताओं के मंदिरों में विशेष पद्धति की अराधना करते हैं और जब तक बारिश नहीं हो जाती है तब तक कठिन साधना करते हैं।यही आजकल वांण गांव में लाटू देवता के मंदिर में भी क्षेत्र के लोग भी बारिश के लिए मनौती मांग रहे हैं। वांण गांव के सामाजिक कार्यकर्ता हीरासिंह ने बताया कि उनके क्षेत्र के लोगों के द्वारा लाटू देवता के मंदिर में बारिश के लिए पूजा अर्चना और साधना करने के लिए क्षेत्र के सात विशेष व्यक्तियों को चुना गया है ।

 

जो पिछले 27 जनवरी से मंदिर में कठोर पुजा कर रहे हैं। बंता दें कि जबसे यहां लाटू देवता के मंदिर में पूजा अर्चना चल रही है उसका कुछ कुछ परिणाम सामने नजर आ रहा है कि कुछ स्थानों पर बर्फबारी और हल्की बारिश शुरू हो रही है जिससे कुछ राहत मिल रही हैं।


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