मयोली गाँव में हो रहा है पौष (पूस) की बैसी का आयोजन
(70 वर्षों बाद हो रही है पौष की बैसी)
रानीखेत
देवभूमि उत्तराखंड के लोकदेवता के मंदिर अपनी अगाध आस्था के लिए विश्व विख्यात हैं। यहाँ जन लोक कल्याण के लिए समय समय पर इन लोकदेवता के मंदिरों में विभिन्न भक्ति कार्यक्रमों,अनुष्ठानों का आयोजन किया जाता है। पौष (पूष) माह की कंपकपाती ठंड पर भी आस्था कैसे भारी पड़ती है इसका एक उदाहरण है लोकदेवता के मंदिरों में होने वाली पौष अर्थात पूस की बैसी,जो एक कठिन साधना के रूप में जानी जाती है। द्वाराहाट तहसील के सुदूरवर्ती गाँव मयोली में गुरु गोरखनाथ नाथ की धूनी में पौष (पूस) बैसी का शुभारंभ हो गया है। भगत मनोज फुलारा और रमेश चंद्र फुलारा ने गुरु खीमानंद फुलारा से दीक्षा लेकर गेरुए वस्त्र धारण कर स्वयं को गुरु गोरखनाथ के चरणों में समर्पित किया। बैसी कर रहे भगत लोगों को बैसी में बाइस दिनों तक संन्यासी रूप में रहकर सात्विक विचार धाराओं से रहना पड़ता है।
बैसी भक्ति संबधित व भक्ति से संबधित धार्मिक, आध्यात्मिक आयोजन है इसमें नियमित पूजा पाठ, भगवान को लगने वाला भोग व जागर आदि कार्यक्रमों का बहुत अधिक महत्व है। मयोली गाँव के गुरू गोरखनाथ की धूनी में हो रही बैसी में प्रातःकालीन और सांयकालीन आरती में भी लोगों की भीड़ उमड़ रही है। “अपना मयोली सांस्कृतिक परिषद” के अध्यक्ष युवा सामाजिक कार्यकर्ता, साहित्यकार ओम प्रकाश फुलारा ‘प्रफुल्ल’ ने बताया कि मयोली में सावन के महीने प्रतिवर्ष बैसी का आयोजन होता रहा है। और समय समय पर विभिन्न धार्मिक आयोजनों को भी गाँव में आयोजित किया जाता है। पौष के महीने में 70 वर्ष बाद इस वर्ष गाँव में बैसी का आयोजन हो रहा है। इस अवसर पर गाँव में हर्ष की लहर है। और पूरे गांव में भक्तिमय वातावरण बना हुआ है। मयोली के गुरू गोरखनाथ की धूनी में नियमित प्रातःकालीन और सांयकालीन आरती का आयोजन बैसी में बैठे भगत लोगों द्वारा किया जा रहा है। समय समय पर लोकदेवता को भोग चढ़ाने व जागर का आयोजन भी किया जा रहा है। मयोली निवासी युवा सामाजिक कार्यकर्ता साहित्यकार ओम प्रकाश फुलारा के अनुसार बैसी करने से मनुष्य के समस्त कष्टों का निवारण हो जाता है।
जन जन के कल्याण लोक कल्याण की इसमें कामना की जाती है। देवभूमि उत्तराखण्ड में लोकदेवता के रूप में पूजे जाते हैं गुरू गोरखनाथ, हरज्यू, सैम ज्यू, न्यायी देवता गोल्ज्यू महाराज आदि अनेक देवी देवता। इन देवी देवताओं के प्रति श्रद्धालुओं की अटूट आस्था बनी हुई है। मयोली गाँव में युवाओं, महिलाओं, बुजुर्गो बच्चों सभी का सहयोग बैसी आयोजन को मिल रहा है, सभी इसमें सहयोग करके लोकदेवता गुरू गोरखनाथ का आशीर्वाद प्राप्त कर रहे हैं।