पिंडर घाटी का सुप्रसिद्ध चोपता चौंरी मेला ( कौथीक) का सोमवार को यज्ञ-हवन,प्रसाद वितरण और विशाल ब्रह्मभोज के साथ निर्विघ्न समापन हो गया है।

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नारायणबगड़/ चमोली

पिंडर घाटी का सुप्रसिद्ध चोपता चौंरी मेला ( कौथीक) का सोमवार को यज्ञ-हवन,प्रसाद वितरण और विशाल ब्रह्मभोज के साथ निर्विघ्न समापन हो गया है।

नारायणबगड़ प्रखंड के उत्तरी कड़ाकोट पट्टी के चोपता गांव में रविवार पांच दिसंबर से प्रारंभ हुए चोपता चौंरी सिद्धपीठ में नवरात्र मेले में इसबार हजारों की संख्या में देवी भक्तों ने हाजिरी लगाकर पूजा अर्चना कर आशीर्वाद प्राप्त किया। मंदिर परिसर में आदि गुरु शंकराचार्य काल से ही गुरु गौरखनाथ की अखंड धूनी विद्यमान है । जिसकी बभूति श्रद्धालु प्रसाद स्वरूप घर ले जाते हैं।


2019 में कोविड-19 के कारण यह कौथीक आयोजित नहीं हो सका था। इस कौथीक में शामिल होने के लिए कड़ाकोट पट्टी के प्रवासीजन विशेष रूप से पहुंचते हैं ,और विवाहिता बेटियां भी बड़ी बेसब्री से इस कौथीक के आयोजन का इंतजार करती हैं ।
नवरात्र के समापन अवसर पर नित्य आरती पूजन के उपरांत सबसे पहले बुढेरा नृत्य का मंचन किया गया,जीतू बगड्वाल के अनुयायियों के लिए यह मंचन भावविभोर करने वाला होता है।बताते हैं कि बुढेरा नाम का राजा ने जीतू बगड्वाल पर आक्रमण किया और जीतू बगड्वाल भगवती का परम भक्त होने के कारण तब मां गिरजा भवानी राजराजेश्वरी ने बुढेरा राजा को उसकी सेना को परास्त कर दिया था,तब बुढेरा राजा भी मां भगवती की शरण में आ जाता है।
इसके बाद मां गिरजा भवानी राजराजेश्वरी हाथी पर सवार होकर महिषासुर वध के लिए निकल पड़ती है यह मंचन प्रतीकात्मक रूप से किया जाता है जिसमें माता ने चारों ओर घूम-घूमकर अपने भक्तों को दर्शन देते हुए आशीर्वाद दिया। उपस्थिति जनसमुदाय ने हाथी सवार राजराजेश्वरी भगवती के पीछे पीछे चलकर गगनभेदी जयकारे लगाए।

सोमवार प्रातः काल में सिद्धपीठ मंदिर में आरती पूजन के साथ ही नवरात्र शांति के लिए यज्ञ-हवन का आयोजन किया गया जिसमें नौ गांवों के लोगों के साथ ही तमाम श्रद्धालूओं ने भी आहुति दी।इसके बाद विधिविधान और पौराणिक मान्यताओं के अनुसार मां गिरजा भवानी राजराजेश्वरी की मूर्ति,भूमियाल देवता और वीर-भैरव के निशानों को उनके मुख्य पुजारियों और पश्वाओं के घरों में विराजमान कर दिया गया।
तदुपरांत नौ कन्याओं को भोजन कराने के साथ ही प्रसाद वितरण और ब्रह्मभोज का आयोजन किया गया ।


इस अवसर पर मंदिर कमेटी के अध्यक्ष अवतार सिंह सिनवाल एवं कड़ाकोट पट्टी के समस्त नौ गांवों के लोगों ने शासन-प्रशासन सभी श्रद्धालुओं व मेलार्थियों का शांतिपूर्ण ढंग से चौपता चौंरी कौथीक में सहयोग करने के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया है।इस अवसर पर मेला संयोजक त्रिलोक सिंह, कोषाध्यक्ष रणजीत सिंह, पूर्व कनिष्ठ उप प्रमुख दलवीर सिंह रावत,सरोप सिंह सिनवाल,जगदीश प्रसाद सती, मेलाधिकारी राजेन्द्र जोशी, दिगपाल रावत,बलवीर सिंह नेगी,
मनमोहन सिंह सिनवाल, सुरजीत सिंह नेगी,जगमोहन चोपता,अरुण सती,दिगपाल राम,संदीप सती,मोहनसिंह रावत, पृथ्वी नेगी, मुकेश सागर, रमेश लाल,अन्नू नेगी,गजपाल सिंह नेगी आदि मौजूद रहे।


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