प्रतिभाओें को मंच देने के सरकारी प्रयासों की सच्चाई बयां कर रहा गोपेश्वर का आकाशवाणी केंद्र

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  • 2001 में स्थापित केंद्र का कर्मचारियों की कमी के चलते संचालन 20 वर्षों बाद भी संचालन नहीं हुआ शुरु

चमोली :

 

भले ही सरकारों की ओर से प्रतिभाओं को मंच प्रदान करने के बड़े-बड़े दावे किये जा रहे हैं। लेकिन चमोली जिला मुख्यालय पर प्रसार भारती की ओर 20 वर्ष पूर्व स्थापित आकाशवाणी केंद्र सरकारों के प्रयासों की सच्चाई को बयान कर रहा है। यहां केंद्र की स्थापना स्थानी कलाकारों को मंच प्रदान करने के लिये भले ही किया गया। लेकिन 20 वर्षों बाद भी कर्मचारियों की तैनाती न होने से केंद्र का संचालन शुरु नहीं हो सका है।


बता दें, कि वर्ष 2001 में वर्तमान गढ़वाल सांसद और तत्कालीन केंद्रीय मंत्री भुवन चंद्र खंडूरी ने क्षेत्रीय प्रतिभाओं को मंच प्रदान करने की मंशा से आकाशवाणी केंद्र का शुभारंभ किया। जिसके बाद केंद्र से तीन माह तक कार्यक्रमों का प्रसारण किया गया। लेकिन कर्मचारियों की कमी के चलते तीन माह बाद केंद्र से कार्यक्रमों का प्रसारण बंद कर दिया गया। जिसके बाद करोडों की लागत से बना आकाशवाणी केंद्र महज रिले प्रसारण केंद्र बनकर रह गया है। कई बार स्थानीय कलकारों और नाट्य संस्थाओं द्वारा केंद्र के सुचारु संचालन की मांग उठाई गई। लेकिन वर्तमान तक केंद्र की स्थिति जस की तस बनी हुई है। केंद्र का सुचारु संचालन न होने से यहां केंद्र में लगी मशीनें धूल फांक रही हैं। केंद्र में तैनात कर्मचारियों के अनुसार गोपेश्वर आकाशवाणी केंद्र में स्टूडियों स्टॉफ न होने के चलते केंद्र का संचालन नहीं हो पा रहा है।

 

अक्षत नाट्य संस्था के अध्यक्ष व कलाकार विजय वशिष्ठ और लोक गायक किशन महिपाल का कहना है कि आकाशवाणी केंद्र गोपेश्वर का संचालन होने से जहां क्षेत्र की प्रतिभओं को एक मंच मिल सकता है। वहीं कलाकारों को रोजगार के लिये बाहरी क्षे़त्रों में जाने से रोका जा सकता है।


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