*यमुनोत्री हाईवे पर सिलक्यारा से डंडालगांव निर्माणाधीन टनल टूटने से दर्जनों मजदूरों फंसे*

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यमुनोत्री हाईवे पर सिलक्यारा से डंडालगांव निर्माणाधीन टनल टूटने से दर्जनों मजदूरों फंसे

बडकोट

उत्तराखंड में आलवेदर रोड परियोजना की सबसे लंबी डबल लेन निर्माणाधीन सुरंग यमुनोत्री हाईवे सिलक्यारा से डंडालगांव निर्माणाधीन टनल का एक हिस्सा टूटने की दर्जनों मजदूर सुरंग के अंदर फंस गए हैं ।


सिलक्यारा साइड से 179 मीटर आगे टनल का पार्ट टूट गया जिससे दर्जनों मजदूरों की टनल में फंसे हुए है और जिला प्रशासन आपदा प्रबंधन अन्य टीम रेस्क्यू कार्य में जुटी हुई है बताया जा रहा है की टनल का 65 मीटर हिस्सा टूट रखा है। जिसको खोलना किसी चुनौती से कम नही है।


बता दें कि सुरंग का निर्माण कार्य इन दोनों अंतिम चरण पर चल रहा है सुरंग कुल लंबाई 4.5 किलोमीटर है। चार किमी हिस्से की लभभग खोदाई का कार्य पूरा हो चुका है। यमुनोत्री यमुनोत्री राजमार्ग पर पर सिलक्यारा और पौलगांव के बीच लगभग 853 करोड़ की लागत से बन रही इस 4.5 किमी लंबी अत्याधुनिक सुरंग के निर्माण में 700-800 से अधिक श्रमिक दिन-रात जुटे हैं। उम्मीद थी कि फरवरी 2024 तक सुरंग आर-पार हो जाएगी। इसके निर्माण से गंगोत्री और यमुनोत्री के बीच की दूरी तो 25 किमी कम होगी ही, समय भी 50 मिनट बचेगा। साथ ही उत्तरकाशी जिले की रवाई घाटी को राड़ी टाप में शीतकालीन में बर्फबारी से मार्ग बंद होने की समस्या से भी निजात मिलेगी। रवाई घाटी में करीब दो लाख की आबादी निवास करती है।


वर्ष 2019 में सात जनवरी से नवयुग इंजीनियरिंग कंपनी लि. ने इस डबल नेशनल हाईवे एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कार्पोरेशन लिमिटेड ( एनएचआइडीसीएल) की देखरेख में यमुनोत्री हाईवे पर इस सुरंग का निर्माण न्यू ऑस्ट्रियन टनलिंग मेथड (एनएटीएम) से किया जा रहा है।

ब्राह्मखाल-यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर सिलक्यारा से डंडालगांव तक निर्माणाधीन टनल का एक छोर(सिलक्यारा की तरफ) से आज 12.11.2023 की प्रातः में अचानक टूट गया है। जिसमें सिफ्ट चेंजिग के दौरान जिला प्रशासन आंकड़ों के अनुसार 40 के करीब मजदूर अन्दर फंस गये है। यह आंकड़ा बढ़ सकता हैं।

पुलिस अधीक्षक उत्तरकाशी के नेतृत्व में पुलिस, एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, फायर, आपातकालीन 108 व निर्माणाधीन टनल में कार्यदायी संस्था NHIDCL की मशीनरी मौके पर बोरवेलिंग व टनल खुलवाने का कार्य कर रहें। टनल में मजदुरों के लिये पर्याप्त ऑक्सीजन सिलेण्डर होना बताया जा रहा है।


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