चमोली
साहित्य एवं कला के क्षेत्र में अग्रणी भूमिका निभा रहे हैं डॉक्टर हटवाल मुख्यमंत्री ने किया सम्मान उत्तराखंड राज्य की दूरस्थ जनपद चमोली के सीमांत गांव गांव तपूण लंगसी गांव के हैं डॉ नंदकिशोर हटवाल कला साहित्य के क्षेत्र में एक जाना पहचाना नाम है। इन्होंने कला एवं साहित्य के क्षेत्र में अहम भूमिका निभा रहे हैं इनके द्वारा लिखी गई पुस्तकें चांचणी झमाको नंदा जागर बेटियां पर कविताएं अंतरराष्ट्रीय मंच पर काफी प्रसिद्धि पा चुकी है। बोये जाते वेटे उग आती है बेटियां खाद पानी बेटी में लहर आती है बेटियां।
हिमालय पर ठेले जाते बेटे हिमालय चढ़ जाती है बेटियां ।। यह कविता उनकी काफी प्रसिद्ध रही कई लोगों ने की कविता को हूबहू उतार कर अपने नाम पर भी छाप दिया । इस साहित्यकार का साहित्य एवं कला के क्षेत्र में अपना अलग पहचान है भारत सरकार की एनसीईआरटी की पुस्तक लेखन में भी इनका बड़ा योगदान है कर्णप्रयाग वरतोली गांव की वीना जो आग बुझाते मर गई थी उसकी एक कहानी बनाकर कक्षा 7 की पुस्तक में रोचक तथ्य के रूप में 1 अध्याय जोड़ने में मदद की। जब राजकीय इंटर कॉलेज गमशाली छिनका मैं अध्यापक के रूप में काम करते रहे उन्होंने संजीवनी के नाम से एक पुस्तक लिख डाली 17 से अधिक कहानियां लेखन का काम किया उनके रेखाचित्र काफी प्रसिद्ध है 10 बाल उपयोगी पुस्तकें 2014 में नंदा देवी राजजात फिल्म पर आधारित स्क्रिप्ट लिखने का काम किया गया इसके अलावा सैकड़ों लेख विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं के माध्यम से प्रकाशित हुई ।
30 वर्षों से साहित्य लेखन एवं साहित्य सृजन में अपना अहम योगदान डॉक्टर हटवाल दे रहे हैं। हाल ही में इन्हें मुख्यमंत्री उत्तराखंड द्वारा उत्तराखंड यूथ आईकॉन अवॉर्ड से नवाजा गया इस अवार्ड की शुरुआत शशि भूषण पैठणी के द्वारा किया गया है हर वर्ष विभिन्न क्षेत्रों में काम करने वाले लोगों को यह सम्मान दिया जाता है।