मनरेगा कर्मियों को पड़े वेतन के लाले, मुख्यमंत्री के आश्वासन के बाद ही हाथ खाली–

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गोपेश्वर/ चमोली

गांव-गांव में मनरेगा कार्यों का संचालन कर रहे मनरेगा कर्मियों को आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ रहा है। पिछले सात माह से कर्मियों को मानदेय का भुगतान नहीं हुआ है। अपनी विभिन्न मांगों को लेकर जनपद के मनरेगा कार्यचारियों ने आंदोलन शुरू करने की चेतावनी दी है। आक्रोशित कर्मचारियों ने मुख्य विकास अधिकारी और जिला विकास अधिकारी को अपना मांगपत्र सौंपा। कहा गया कि पिछले सात माह से मानदेय का भुगतान न होने से उनके सम्मुख आर्थिक संकट खड़ा हो गया है। कई बार शासन-प्रशासन को अवगत कराने के बावजदू भी मानदेय का भुगतान नहीं किया गया है।

जबकि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शीघ्र मानदेय भुगतान का आश्वासन दिया था। कर्मियों ने कहा कि अन्य सरकारी कर्मचारियों की भांति वे भी ग्रामीण क्षेत्रों में केंद्र सरकार की कल्याणकारी मनरेगा योजना का संचालन करते आ रहे हैं, लेकिन उनके साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है। रुचि पांडे, सुभाष डिमरी, रुचि भंडारी, तारिक मियां, सुरेंद्र नेगी, संजय, उदयभान, विक्रम रावत, आशुतोष, प्रकाश राणा का कहना है कि दिनभर वे मनरेगा कार्यों का संचालन कर रहे हैं, लेकिन उन्हें मानदेय का भुगतान नहीं किया जा रहा है, जिससे परिवार का भरण-पोषण करना मुश्किल बना हुआ है।


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