*सन वैली सड़क पहुँची देख विधायक महेंद्र भट्ट हुये भावुक*
जोशीमठ/ चमोली
बद्रीनाथ के विधायक महेंद्र प्रसाद भट्ट ने जोशीमठ के सुदूरवर्ती ग्राम किमाणा में 14 दिनों से संचालित रामलीला कार्यक्रम के राज्य अभिषेक में प्रतिभाग किया ।उन्होंने कहा कि रामराज्य की परिकल्पना भाजपा के शासनकाल में ही संभव है उन्होंने अपने संबोधन में कहा हमने हर गांव में सड़क पहुंचाने का संकल्प पूरा किया है। किमाणा में सड़क पहुंचाने का लक्ष्य हमारा हासिल हो गया है उन्होंने कहा कि हमारी सरकार का लक्ष्य दूरस्थ क्षेत्रों में विकास को पहुंचाना है। और वहां के लोगों को विकास की मुख्यधारा से जोड़ना मुख्य कार्य है,l उन्होंने कहा कि आजादी के 75साल के बाद इस तरह का पहला मौका है कि कोई जनप्रतिनिधि गोपेश्वर आकर के एक ही दिन में किमाणा गांव में पहुंचकर वापस गोपेश्वर पहुंचा होगा ।मौके पर भाजपा की ग्रामीण मंडल के पूर्व अध्यक्ष किशोर पंवार ने कहा हमें पीड़ा होती थी जब हम लोग पैदल चलकर गांव में पहुंचे थे आज वहां हम लोग गाड़ी से पहुंचे हैं हमारा लक्ष्य हासिल हो रहा है और हां हमें क्षेत्र में विकास की किरणें दिख रही है इससे पूर्व के लोगों ने मात्र घोषणा की और काम नहीं किया है वैसे तो रामलीला इस तरह का मंच नहीं है इस तरह की बातों को रखा जा सके फिर भी यदि लोगों के कष्ट दूर हुए तो उस बात को मंच में रखना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि हमें रामलीला से सीखना चाहिए कि आदर्श परिवार आदर्श भाई की परिकल्पना हमें रामलीला से मिलती है हमें अपने बुजुर्गों का भी सम्मान करना चाहिए। ग्राम प्रधान मुकेश सेमवाल ने विधायक बद्रीनाथ से किमाणा चंडीका मंदिर सुंदरीकरण भाजपा शासनकाल में खुली राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय किमाणा विद्यालय जो सरकार ने बंद कर दिया है। उसके भवन को आयुर्वेदिक अस्पताल को दे दिया जाए ।किसीयोर तोक मे कीमाणा के काश्तकारों ने 12 नाली भूमि उत्तराखंड शिक्षा विभाग के नाम दर्ज की है । कि राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय का भवन निर्माण हो सके विद्यालय भवन निर्माण नहीं हो रहा है ।
तो कास्तकार की भूमि वापस कर दी जाए उन्होंने कहा कि जल जीवन मिशन के तहत गांव में 20 लोगों के कनेक्शन कर दिए गए हैं गांव में पानी नहीं है इसकी जांच की जानी चाहिए उसके बाद योजना बननी चाहिए। आजादी के 75 साल बाद किमाणा सड़क पहुचने पर भावुक हुये विधायक महेंद्र भट्ट ने कहा कि बिना सड़क के ग्रामीणों को कितनी परेशानी होती है। मैं समझ सकता हूं। अब किमाणा तक सड़क पहुँच गई है अब यहाँ के लोगो को बीमार मरीजो को दंडी कंडी मैं पैदल नही ले जाना पड़ेगा। कुछ महीने के बाद डुमक कलगोट गाव भी जल्द सड़क से जुड़ जाएंगे