नानकमत्ता चौहरे हत्याकांड का पुलिस ने किया खुलासा, तीन शातिर अपराधी गिरफ्तार,एक फरार

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ऊधमसिंहनगर:

नानकमत्ता चौहरे हत्याकांड का पुलिस ने किया खुलासा, तीन शातिर अपराधी गिरफ्तार,एक फरार

 

उत्तराखंड के जनपद ऊधम सिंह नगर के नानकमत्ता बीते दिनों शहर में हुए चार मर्डर को लेकर पुलिस का सफलता हाथ लगी है। पुलिस ने चार मर्डर करने वाले शातिर तीन अपराधियों को गिरफ्तार कर लिया है। वहीं एक आरोपी फरार है। घटना का खुलासा करते हुए एसएसपी दलीप सिंह कुंवर व डीआईजी नीलेश आनंद भरणे ने बताया कि मर्डर करने का मुख्य उद्देश्य सर्राफ व्यापारी के साथ लूट करना पाया गया है। जिसपर पुलिस की कड़ी मेहनत के चलते तीनों शातिर अपराधियों को गिरफ्तार किया है व एक आरोपी फरार है। मामले का सफल अनावरण करने वाली टीम को एसएसपी दलीप सिंह कुंवर ने 25000 ईनाम व डीआई नीलेश आनंद भरणे ने 50 हजार एवं डीजीपी अशोक कुमार ने 1 लाख रुपये ईनाम देने की घोषणा की है।

आपको बता दे ऊधम सिंह नगर जिले के नानकमत्ता क्षेत्र बीती 29 दिसंबर को चार मर्डर से शहर में सनसनी मच गई थी। जिसके बाद शहर के लोगों के घटना के अनावरण की जल्द से जल्द मांग की। जिसपर कार्यवाही करते हुए पुलिस टीम ने मामले की जांच शुरु की । इस दौरान सुराग पतारसी, पूछताछ व सर्विलांस की मदद से 20 टीमों का गठन कर मामले के अनावरण को प्रयास किया गया। जिसमें 20 टीमों की कड़ी मेहनत से मर्डर करने वाले रानू रस्तोगी, विवेक वर्मा, मुकेश वर्मा उर्फ राहुल को गिरफ्तार किया है व घटना में प्रयुक्त वैगनार कार, लूटे गए 35 हजार रुपये व आलाकत्ल बरामद किया है। आरोपियों से पूछताछ में पुलिस ने पाया कि मृतक अंकित रस्तोगी कबाड़ की दुकान में काम करता था, वहीं करीब एक माह पूर्व मृतक अंकित रस्तोगी ने 30 से 40 लाख रुपये लगाकर सुनार की दुकान खोली थी। अभियुक्त रानू रस्तोगी मृतक अंकित रस्तोगी का अच्छा मित्र था, जो मृतक अंकित के घर पर भी निरंतर आता जाता रहता था। अभियुक्त रानू रस्तोगी ने कुछ दिन पूर्व ही मृतक अंकित की दोस्ती सचिन सक्सेना से कराई थी, जो कि शातिर किस्म का गैंगस्टर था। जिसके द्वारा अपने दो साथी विवेक वर्मा, मुकेश वर्मा के साथ मिलकर अपराधिक षडयंत्र रचकर 28 दिसंबर को लूट व डकैती के उद्देशय से मृतक अंकित रस्तोगी व उदित रस्तोगी को किसी बहाने से घर से बाहर बुलाकर देवा नदी के किनारे ले जाकर लाठी डंडो से पिटाई की व सर्जिकल ब्लैड से गला रेंतकर निर्मम हत्या कर दी। जिसके बाद अभियुक्तों ने लूट के उद्देशय से मृतक के घर जाकर उसकी मां आशा देवी व नानी सन्नो देवी की हसिये से गला रेंतकर हत्या कर दी और दुकान से 40 हजार रुपये लूटकर फरार हो गए। अभियुक्तों ने सुनार की दुकान में लॉकर खोलने व तोड़ने की भी कोशिश की जिसमें वह सफल नहीं हो सके। वहीं पूरे मामले में पुलिस ने तीन अभियुक्तों को गिरफ्तार कर लिया है, फरार सचिन सक्सेना की तालाश की जा रही है व मास्टर अखिलेश की भूमिका के संबंध में जांच की जा रही है।

पूछताछ करने वाली टीम में सितारगंज कोतवाली प्रभारी प्रकाश सिंह दानू, एटीएचयू प्रभारी बसंती आर्या, नानकमत्ता थानाध्यक्ष के.सी. आर्या, अशोक कुमार, नीमा बोरा, मंजू पंवार, एसओजी चम्पावत से मतलूब खान, प्रकाश आर्या, प्रियंका कोरंगा, प्रिंयका शामिल रहीं। वहीं स्थानीय स्तर पर सुरागरसी व पतारसी करने वाली टीम में एसओजी प्रभारी कमलेश भट्ट, जावेद मलिक, बोबिन्दर, नवनीत, मोहित, आसिफ हुसैन, दिनेश चंद्र शामिल रहे। इसके साथ ही बाहरी जनपद से सुरागरसी पतारसी करने वालों में दिनेशपुर थानाध्यक्ष विनोद जोशी, लालपुर चौकी इंचार्ज पंकज कुमार, कुलदीप सिंह, ललित चौधरी शामिल रहे। सीडीआर विश्लेषण में कैलाश तोमक्याल व भूपेंद्र आर्या की महत्वपूर्ण भूमिका रही। सीसीटीवी खंगालने में आईटीआई थानाध्यक्ष विद्यादत्त जोशी, एडीटीएफ प्रभारी कमाल हसन, झनकईया थानाध्यक्ष दिनेश फर्त्याल, सितारगंज एसएसआई योगेश कुमार, शंकर बिष्ट, विजेन्द्र कुमार, सुरेन्द्र सिंह, पंकज महर, राजेश पांडे, कमल नाथ गोस्वामी, पंकज बिनवाल, नासिर, धर्मवीर, ललित कुमार, गणेश पांडे, नीरज शुक्ला, प्रमोद कुमार, विनोद, भूपेंद्र रावत, राजेन्द्र कश्यप, प्रभात चौधरी शामिल रहे। साथ ही पंचायतनामा भरने, साक्ष्य जुटाने व कार्यलेख करने वाली टीम में गिरीश चन्द्र, योगेन्द्र कुमार, ललित काण्डपाल, नरेद्र रोतेला, रमेश भट्ट, मोहन गिरी, देवेन्द्र, लोकेश तिवारी, सुरेश कुमार, राजेश कुमार, प्रकाश जोशी, कमला दुम्ताल, विद्या रानी, बीना, शिवन्ती, विनित, राजकुंवर, फालवर पूरन चन्द्र, राजकुमार शुक्ला, गुरमेज, मिल्खा, राजवती, गोविन्द आदि शामिल रहे।


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