भेटा के ग्रामीणों ने वार्ड सड़क को लेकर बनी सहमति, आंदोलन किया स्थगित

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चमोली/ थराली

नगर पंचायत थराली के अंतर्गत भेटा वार्ड तक मोटर सड़क के निर्माण को लेकर यहां तहसील कार्यालय में जारी क्रमिक अनशन उपजिलाधिकारी थराली के द्वारा इसी शनिवार तक लोनिवि से सर्वेक्षण करवाने के आश्वासन पर स्थगित कर दिया गया है। आंदोलनकारियों ने पुनः चेतावनी दी हैं कि वें रोड़ नही तो वोट नहीं पर अब भी कायम हैं।

थराली नगर क्षेत्र के भेटा वार्ड के नागरिकों का भेटा तक मोटरमार्ग
निर्माण के लिए 1 नवंबर से तहसील कार्यालय पर धरना प्रर्दशन का सिलसिला जारी था। शासन, प्रशासन के द्वारा मांगों पर ध्यान नही दिए जाने पर 17 नवंबर को एक बार फिर से ढोल.नगाड़ों के साथ भेटा के साथ ही आसपास के क्षेत्रों के लोगों ने थराली में जुलूस प्रर्दशन निकाल कर धरने को क्रमिक अनशन में तब्दील कर दिया था।

सोमवार को एक बार फिर से थराली के उपजिलाधिकारी सुधीर कुमार की अध्यक्षता में आंदोलनकारियों एवं लोनिवि के अधिकारियों के बीच कार्यालय में बैठक आयोजित की, जिसमें तय किया गया कि थराली .चौण्डा मोटरमार्ग के खोल्यो गधेरे से सिनाई तल्ली होते हुए भेटा तक सड़क निर्माण के लिए इसी शनिवार तक लोनिवि के द्वारा सर्वेक्षण का कार्य पूरा किया जाएगा और भेटा के नागरिकों के द्वारा इससे पहले समरेखित गांव के ग्रामीणों से अनापत्ति प्रमाण पत्र ले कर लोनिवि थराली को उपलब्ध करवाएंगे।इस के बाद एक पखवाड़े के भीतर लोनिवि इस सड़क का भूगर्भीय सर्वेक्षण करवाएगा। जिस पर सभी पक्षों में सहमति बन गई। इसके बाद एसडीएम, सुधीर कुमार, तहसीलदार रवि शाह, लोनिवि थराली के सहायक अभियंता सुभाष चंद्रा, जीतेंद्र कुमार सहित तमाम तहसील एवं लोनिवि के कर्मचारी अनशन स्थल पर पहुंचे। जहां पर एसडीएम ने बनी सहमति से अनशनकारियों एवं समर्थकों को अवगत कराया।

आंदोलनकारियों ने सहमति व्यक्त करते हुए आंदोलन स्थगित करने पर सहमति जताई। इस पर एसडीएम ने अनशनकारी सुरेंद्र रावत, प्रकाश रावत, अरविंद रावत एवं पंकज रावत को जूस पिला कर क्रमिक अनशन तुड़वाया। इस मौके पर यहां पर थराली के पूर्व प्रमुख सुशील रावत, संदीप रावत, दिनेश रावत मटरू, बचन सिंह, बलवीर सिंह, खिलाप सिंह, दर्वान सिंह गुसाईं, मोहन सिंह, सोरभ रावत, सुरेंद्र रावत, महावीर रावत, मोहन सिंह, मनोज रावत आदि मौजूद थे।

आंदोलनकारियों ने कहा कि सड़क निर्माण के लिए अपेक्षित कार्यवाही नहीं होने पर भेटा के लोगों को मजबूरन रोड नहीं तो वोट नहीं के तहत 2022 के विधानसभा चुनावों का बहिष्कार करने पर मजबूर होना पड़ेगा।

 


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