पीएम मोदी के आगमन को लेकर आंदोलन की रूपरेखा तय कर रहे तीर्थ पुरोहित

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रुद्रप्रयाग

पीएम मोदी के आगमन को लेकर आंदोलन की रूपरेखा तय कर रहे तीर्थ पुरोहित

पीएम करें देवस्थानम् बोर्ड को भंग करने की घोषणा, ऐसा न होने पर किया जायेगा पुरजोर विरोध

पीएम मोदी ना दिखाएं अपना लाइव प्रसारण, धाम को राजनीतिक मंच ना बनाया जाय।

भाजपा केदारनाथ में राजनैतिक प्रतिस्पर्धा का आयोजन करने जैसा माहौल बना रही: कांग्रेस

रुद्रप्रयाग।

देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पांच नवंबर को केदारनाथ धाम पहुंचने जा रहे हैं। यहां पहुंचने पर वे सबसे पहले बाबा केदार के दर्शन करेंगे और इसके बाद आदि गुरू शंकराचार्य की समाधि स्थल का अनावरण करेंगे। इसके बाद वे केदारनाथ धाम में बनी गुफाओं में समय व्यतीत कर सकते हैं। जहां एक ओर पीएम के आगमन को लेकर देवस्थानम् बोर्ड और शासन-प्रशासन तैयारियों में जुटा हुआ है, वहीं तीर्थ पुरोहित समाज पीएम के आगमन को लेकर आंदोलन की रूपरेखा तय कर रहा है। उनका कहना है कि केदारनाथ धाम को राजनीति का अड्डा बनाया जा रहा है, जबकि तीर्थ पुरोहितों की देवस्थानम् बोर्ड को भंग करने मांग को नहीं सुना जा रहा है। ऐसे में पीएम मोदी के आगमन पर स्वागत के साथ ही विरोध भी किया जायेगा।

बता दें कि पांच नवंबर को देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी केदारनाथ धाम पहुंच रहे हैं। आगामी वर्ष में उत्तराखण्ड में विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि पीएम मोदी केदारनाथ धाम में विधानसभा चुनाव का शंखनाद फूंकेंगे और प्रदेश की जनता से भाजपा के पक्ष में आगे आने की अपील करेंगे। ऐसे में जहां तीर्थ पुरोहित समाज उनके स्वागत से लेकर विरोध करने की रणनीति बना रहा है, वहीं कांग्रेस ने भी पीएम मोदी के आगमन पर राजनैतिक प्रतिस्पर्धा का आरोप लगाया है।
देश के पीएम मोदी केदारनाथ पहुंचकर सबसे पहले भोले बाबा के दर्शन करेंगे और इसके बाद वे आदि गुरू शंकराचार्य की समाधि स्थल का अनावरण भी करेंगे। बताया जा रहा है कि केदारनाथ धाम में बनी पौराणिक गुफाओं का पीएम मोदी निरीक्षण भी करेंगे। इसके साथ ही देश के लोगों को संबोधित भी करेंगे। ऐसे में शासन-प्रशासन स्तर पर तैयारियों जोरों शोरों से चल रही हैं।

पीएम मोदी के आगमन को लेकर जहां देवस्थानम् बोर्ड और शासन-प्रशासन तैयारियों में जुटा हुआ है, वहीं तीर्थ पुरोहित समाज स्वागत के साथ ही विरोध की तैयारियां कर रहा है। तीर्थ पुरोहित संतोष त्रिवेदी, सुमंत तिवाड़ी ने कहा कि देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी केदारनाथ पहुंच रहे हैं और तीर्थ पुरोहित चाहते हैं कि वे यहां आकर देवस्थानम् बोर्ड को भंग करने की घोषणा करें। अगर ऐसा नहीं किया गया तो तीर्थ पुरोहिता विरोध करने से भी पीछे नहीं हटेंगे। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी केदारनाथ धाम पहुंचे और अपना लाइव प्रसारण ना दिखाएं। केदारनाथ धाम को राजनीतिक मंच ना बनाया जाय। दो वर्ष से चारों धामों में देवस्थानम् बोर्ड का विरोध चल रहा है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने 30 अक्टूबर तक का समय मांगा था, लेकिन उनको दिया गया समय खत्म हो गया है और तीर्थ पुरोहितों ने फिर से आंदोलन शुरू कर दिया है। तीर्थ पुरोहितों में भाजपा सरकार के खिलाफ भारी आक्रोश है, जिस कारण पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत, प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक एवं स्वास्थ्य मंत्री के केदारनाथ पहुंचने पर जोरदार विरोध किया गया।


– संतोष त्रिवेदी, तीर्थ पुरोहित केदारनाथ
सुमंत तिवाड़ी, वरिष्ठ तीर्थ पुरोहित एवं उपाध्यक्ष जिला पंचायत रुद्रप्रयाग

वहीं दूसरी ओर कांग्रेस के पूर्व प्रदेश प्रवक्ता सूरज नेगी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के केदारनाथ धाम के प्रस्तावित दौरे को राज्य की भाजपा सरकार राजनैतिक प्रतिस्पर्धा का आयोजन करने जैसा माहौल बना रही है। श्री नेगी ने भाजपा पर आरोप लगाते हुए कहा कि राज्य की भाजपा सरकार जनाकांक्षा पर खरा नहीं उतरने के चलते जनता के आक्रोश से बचने के लिए इस प्रकार के कदम उठाने जा रही है। राज्य की भाजपा सरकार उत्तराखंड की जनता से अपने दृष्टि पत्र में किए गए वादों को पूरा करने में भी नाकाम रही है तथा राज्य में बेरोजगारी को दूर करने में पूर्ण रूप से विफल रही है, जबकि बढ़ती महंगाई में घरेलू गैस खाद्य तेल पेट्रोल डीजल की कीमतों में हुई बेतहाशा वृद्धि ने आम नागरिकों का बजट बिगाड़ कर रख दिया है, जिस पर भाजपा अब जनता के बीच इन मुद्दों पर किसी भी प्रकार की बात करने से बच रही हैं।

उन्होंने कहा कि भाजपा उत्तराखंड में सत्ता पर काबिज होने के सपने देखना छोड़ दें, क्यों कि जनता भाजपा की जन विरोधी नीतियों से तंग आ चुकी है और राज्य की जनता ने 2017 में भाजपा को प्रधानमंत्री मोदी के कहने पर ही प्रचंड बहुमत से राज्य में जिताया था, लेकिन भाजपा की राज्य में सरकार बनने से लेकर आज तक विकास कार्यों में हीला हवाली की गई। जनता की कोई भी सुनवाई नहीं हुई। राज्य में अफसर बेलगाम रहे। बेरोजगारी चरम पर रही। चारधाम परियोजना में भी जमकर भ्रष्टाचार हुआ और लोगों को मुआवजे के लिए भी भटकना पड़ा। कहा कि जनता भाजपा से मुक्ति चाहती है और किसी भी हालत में उत्तराखंड में भाजपा को उखाड़ फेंकने के लिए तैयार बैठी है। भाजपा की राज्य इकाई से लेकर केंद्रीय नेताओं को भी आभास हो गया है कि जनता भाजपा को बर्दाश्त करने के मूड में नहीं है। ऐसे में जनता की नजरों में धूल झोंकने के लिए अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आड़ में उत्तराखंड में दोबारा सत्ता हथियाने को आतुर दिखाई दे रही है और उसके लिए केदारनाथ जैसे धाम को राजनैतिक स्थली बनाने पर उतारू हो गई है, लेकिन जनता भी भाजपा के इन मंसूबों को अच्छी तरह समझ चुकी है और 2022 के विधानसभा चुनावों का इंतजार कर रही है, जिससे कि भाजपा को उत्तराखंड से विदा किया जा सके
सूरज नेगी, पूर्व प्रदेश प्रवक्ता कांग्रेस


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