संयुक्त रामलीला मंच की ओर से गोपेश्वर में आयोजित रामलीला में वीरवार को वनवास की लीला का मंचन किया गया।

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संयुक्त रामलीला मंच की ओर से गोपेश्वर में आयोजित रामलीला में वीरवार को वनवास की लीला का मंचन किया गया।

गोपेश्वर/ चमोली

इस दौरान ग्राम प्रधान संगठन के पदाधिकारियों ने लीला शुभारंभ किया। वहीं लीला के दौरान लोक गायिका हेमा नेगी करासी की ओर से भी सांस्कृति कार्यक्रमों की प्रस्तुति दी गई।


वीरवार को लीला मंचन के प्रथम दृष्य में भगवान राम माता कौश्ल्या से वन गमन की आज्ञा लेते हैं। वहीं इस दौरान माता जानकी व भ्राता लक्ष्मण भी वनगमन की जिद्द करते हैं। जिस पर राम उन्हें माताओं से आज्ञा लेने की बात कहते हैं। जिस पर माताओं से आज्ञा लेकर भगवान राम, माता जानकी और भ्राता लक्ष्मण मुनि वेष धारणकर वन गमन करते हैं। इस दौरान उनकी भेंट केवट और निषाद राज होती है। जिसके बाद सरयू को पार कर महर्षि बाल्मीकि के आश्रम पहुंचते हैं।

जहां वे बाल्मीकि को वन गमन का कारण बताते हैं। इस मौके पर मंच के अध्यक्ष अनूप पुरोहित, आयुष चैहान, डा. यदुनंदन भट्ट, प्रदीप अवस्थी, मनोज कठैत, बाॅबी रावत, देवेंद्र फरस्वाण, कमल राणा, जगमोहन सिंह, प्रकाश नेगी, देवेन्द्र गौड़, हेमंत दरमोड़ा, नितिन अरोड़ा, पीयूष विश्नोई, कैलाश तिवारी, शांति प्रसाद नौटियाल आदि मौजूद थे।


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